यह वक्त कब बदलेगा ?
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यह वक्त कब बदलेगा
?
किसी ने अपने खोए, तो किसी ने सपने खोए।
इस वक्त ने सबके मन को हराया हैं||
खुदा भी कुछ ना कर पाया है!
किसी ने सेवा की, तो किसी ने भक्ति
किंतु,
समय के कालचक्र को आज तक
कौन बदल पाया है?
यह वक्त अब शत्रु
सा लगने लगा है;
जिसने किसी को सुख नहीं दिया है|
समय की मांग भी बड़ी कठोर है क्योंकि
यह तो लोगों की जान मांग रहा है|
यह वक्त कभी सुख की आस देता है,
तो कभी उसी आशा को तोड़ देता है|
इस वक्त से यही कहना चाहूंगी
कि तू ने सबकी
जिंदगी बदली, विचार बदले, सबको बदला,
अब खुद बदल जा.....
समय की गति को आज तक कोई रोक नहीं पाया।
जिस वक्त ने सब का सब कुछ बदल दिया,
इस सारे संसार को बदला है वह अभी खुद बदले।
हम सब को पिंजरे
में कैद पंछी की तरह समय ने बांध के रखा ,
अब वक्त से केवल एक ही आशा है कि वह हमें चैन से जीने दे।
Most beautiful work! 👌
ReplyDeleteWow nicely written!!
ReplyDeleteReally good👍 👏👏
ReplyDeleteVery good 👌🏻👌🏻
ReplyDelete👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteSuper...nice line 👍👍👍
ReplyDeleteVery nice 👌👌
ReplyDeleteVery meaningful 👏👏
ReplyDeleteVery well written, Utkarsha. Keep it up....
ReplyDeleteVery true, keep it up Utkarsha
ReplyDeleteBat hi samay samay ki hai....
ReplyDeleteHar koi apane vakt me ji raha hai...
Nice one
बहुत सही और सूंदर विषय चुना है l आपकी जितनी तारीफ कि जाये उतनी कम है l अद्भुत! सिर्फ अद्भुत, और कुछ नहीं!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत सृजन! उत्कर्षां का उत्कर्ष निश्चित है l
👌🏼👌🏼👏👏💕😊
Very nice written 👌👌👌
ReplyDeleteGreat
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